FACE Scheme की जानकारी
FACE Scheme – यह खबर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शैक्षणिक ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देती है। फाइन आर्ट्स और सांस्कृतिक उत्कृष्टता (FACE) एडमिशन स्कीम के तहत, आईआईटी मद्रास ने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बल्कि कला और संस्कृति में भी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
FACE स्कीम की मुख्य बातें
सांस्कृतिक और कलात्मक उत्कृष्टता का सम्मान
यह योजना उन छात्रों के लिए है, जिन्होंने कला और सांस्कृतिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। यह पहल छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को पहचानने और उसे सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सीटों का आवंटन
2025-26 शैक्षणिक सत्र से, हर बी.टेक और बी.एस. कार्यक्रम में दो अतिरिक्त सीटें होंगी। इनमें से:
एक सीट महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होगी।
दूसरी सीट जेंडर-न्यूट्रल आधार पर होगी।
पात्रता मानदंड
उम्मीदवार को जेईई (एडवांस्ड) 2025 में क्वालिफाई करना होगा।
उम्मीदवार की 12वीं की योग्यता और जेईई (एडवांस्ड) के निर्धारित मानदंड पूरे होने चाहिए।
कला और संस्कृति में उपलब्धि के प्रमाण FACE स्कीम की आधिकारिक सूची के अनुसार मान्य होने चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
FACE के लिए आवेदन प्रक्रिया अलग होगी और यह JoSAA पोर्टल से स्वतंत्र होगी।
इच्छुक उम्मीदवार FACE पोर्टल (https://jeeadv.iitm.ac.in/face) पर आवेदन कर सकते हैं।
रैंकिंग प्रक्रिया
एक विशेष FACE रैंक लिस्ट (FRL) तैयार की जाएगी, जिसमें उम्मीदवारों को उनकी सांस्कृतिक और कलात्मक उपलब्धियों के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
चयनित उम्मीदवारों को सीट आवंटन प्रक्रिया में शामिल होना होगा और समय सीमा के भीतर सीट स्वीकृति शुल्क का भुगतान करना होगा।
इस पहल का महत्व
शिक्षा और संस्कृति का समन्वय
आईआईटी मद्रास का यह कदम यह दिखाता है कि शिक्षा केवल विज्ञान, गणित या तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। इसमें सांस्कृतिक और कलात्मक पक्षों को भी शामिल करना चाहिए।
छात्रों की बहुआयामी प्रतिभा को प्रोत्साहन
यह योजना छात्रों को न केवल अपनी अकादमिक क्षमता बल्कि उनकी कलात्मक और सांस्कृतिक प्रतिभा को भी प्रोत्साहित करने का अवसर देती है।
आईआईटी के लिए नया दृष्टिकोण
प्रो. कामकोटी के अनुसार, यह पहल आईआईटी में उत्कृष्टता की परिभाषा को व्यापक बनाती है। यह कदम अन्य आईआईटी और तकनीकी संस्थानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
भविष्य की दिशा
आईआईटी मद्रास की यह नई पहल शिक्षा प्रणाली में नवाचार और विविधता का प्रतीक है। यह अन्य आईआईटी संस्थानों और भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक नई राह प्रशस्त कर सकती है, जहां अकादमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ कला और संस्कृति को भी समान महत्व दिया जाए।
यदि इस योजना के तहत पहला बैच 2025 में सफल होता है, तो यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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